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सौरभ सुमन एवं अनामिका अम्बर इन दिनों अपने काव्य कौशल से हिंदी कवि सम्मेलनों की आवश्यकता बन गए हैं. वर्तमान काव्य मंचों पर एक मात्र युगल ऐसा है जिसमे दोनों ही को जनता का असीम नेह मिला है.
देश के चुनिन्दा मंच संचालकों में सौरभ सुमन का नाम आता है. चाहें वह नांदेड (महाराष्ट्र) की दो लाख की भीड़ का कवि सम्मलेन हो या दिल्ली के फिक्की ऑडिटोरियम के चुनिन्दा श्रोता. चाहें वह BITS पिलानी, सागर विश्व-विद्यालय, IIT, IIMT, MIET, BIT Engineering College के छात्र-छात्राएं हों या मेला नौचंदी, नैनवा, जयपुर, हरदा महोत्सव के सार्वजानिक मंच सभी पर उनके मन्त्र-मुग्ध कर देने वाले सञ्चालन की महक बिखरी हुई है. सौरभ-अनामिका की जोड़ी जिस मंच पर होती है वहां के श्रोताओं को पति-पत्नी के चुटीले संवाद, नोक-झोंक का तो आनंद मिलता ही है साथ में मंच की गरिमा के अनुरूप स्तरीयता भी प्राप्त होती है.
ओज के नई पीढ़ी के कवियों में शीर्ष पर सौरभ सुमन का नाम आता है. वन्दे-मातरम्!, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, हिन्दू - मुस्लिम एकता आदि उनकी वो प्रतिनिधि कवितायेँ हैं जिन्होंने जनता के ह्रदय पर माँ भारती के चरण चिन्ह स्थापित करने का बड़ा काम किया है. वहीँ श्रृंगार की मौलिक और स्तरीय कवियत्रियों में अनामिका अम्बर आज देश की सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाली पंक्ति में शुमार करती हैं. उनकी रचनाएँ जैसे शब्द रथ पर सवार होकर सीधे श्रोताओं के ह्रदय में उतरती हों ऐसा अनुभव होता है. मंच संचालक के हर बाण का जवाब वो अपने हुनर और गरिमा को ध्यान में रख कर ऐसे देती हैं की कोई उत्तर दे ही नहीं पाता. सौंदर्य और शिष्टता के संगम का अद्वितीय नाम हैं अनामिका अम्बर. उनकी कविता "शहीद के बेटे की दीपावली" हर सुनने वाले की आँखों को सजल कर ह्रदय में शहीदों के प्रति आस्था के विराट स्तम्भ के निर्माण कर देने में सक्षम है. उन्हें अनेक बड़े मंचों से इस कविता के लिए ढेरों सम्मान मिले हैं.

Contact:

Saurabh Jain 'Suman', Anamika Jain 'Ambar'
Address: Vairagya Kunj, 349 Sadar Kabari Bazar, Meerut Cantt. (U.P.) India
e-mail: kaviyugal@gmail.com
Phones: +91 9837375637, +91 9412200143,



Jain Kavya-Bhooshan (Saurabh Suman-Anamika Ambar)

श्वेताम्बर-दिगंबर जैन समाज संयुक्त की सर्वोच संस्था
"भारतीय जैन मिलन"
के तत्वावधान में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विख्यात उपन्यासकार
श्री सुरेश जैन "ऋतुराज"
द्वारा गत 17 जून 2008 को जैन संत मुनि श्री पुण्य सागर जी के सानिध्य में
काव्य-युगल सौरभ सुमन एवं अनामिका अम्बर को
"जैन काव्य-भूषण"
उपाधि से सम्मानित किया गया है...



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Poems of Surendra Sharma, Om Prakash Aditya, Dr. Kumar Vishwas, Dr, Vishnu Saxena etc
कवि सम्मेलनों के मंच पर अपनी अपनी विधा में कवि सौरभ सुमन एवं कवियत्री अनामिका अम्बर का कोई सानी नहीं है। यदि देश के चुनिंदा मंच संचालकों में सौरभ सुमन शुमार करते हैं तो वहीँ अनामिका अम्बर देश कि उन चोटी कि कवियत्रियों में गिनी जाती हैं जिनकी उपस्थिति ही मंच को गरिमा प्रदत्त कर देती है।
हिंदी काव्य मंचों पर पति-पत्नी के रूप में जाना जाने वाला यह विलक्षण जोड़ा अपने आपमें अकेला है।  यूँ एक-दो अपवाद हैं किन्तु ख्याति के पक्ष से जितना महत्त्व यह जोड़ी रखती है उतना शायद और कोई नहीं है।
सौरभ सुमन हिंदी वाचिक परम्परा के वो हस्ताक्षर हैं जिनके विषय में कहा जाता है कि श्रोता आज तक यह निर्णय नहीं ले सके कि वो वीर रस कि कविता सुनाते हुए आक्रोशित स्वर से मन को आंदोलित अधिक कर देते हैं अथवा सञ्चालन करते हुए अपनी चुटीली चुटकियों से श्रोताओं को लोटपोट अधिक करते हैं।  दोनों ही रसों में महारत हांसिल है सौरभ सुमन को। लाखों की भीड़ हो या बौद्धिकता लिए बैठा एक छोटा समूह दोनों ही उनकी कला देख कर दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं।  वहीँ अनामिका अम्बर का स्वर जब गीतों के मध्याम से मंच से मुखरित होता है तो चारों और ह्रदय स्पंदन दिखाई देने लगता है।

आइये एक भेंट करते हैं ऐसे शानदार जोड़े से.…।